रिस्क से किया इश्क…30 लाख सालाना पैकेज की नौकरी छोड़ी, शुरू किया यह काम, 30 लोगों को दे रहे रोजगार

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Left MNC Job Started Dairy Farming :पूर्णिया के इंद्र चौरसिया ने 30 लाख सालाना पैकेज की नौकरी छोड़कर हिंद डेयरी खोली. अब 50 से अधिक गाय-भैंस पालकर दो आउटलेट्स के मालिक हैं और 30 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे ह…और पढ़ें

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नौकरी को मारी लात, दूध बेचने से आया ख्याल, बन गया ब्रांड

हाइलाइट्स

  • इंद्र चौरसिया ने 30 लाख की नौकरी छोड़ डेयरी खोली.
  • 50 से अधिक गाय-भैंस पालकर दो आउटलेट्स के मालिक बने.
  • 30 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं.

पूर्णिया : पूर्णिया की ब्रांड के नाम से जानी जाने वाली हिंद डेयरी ने अपनी खास पहचान बनाई है. हिंद डेयरी के मालिक इंद्र चौरसिया ने नौकर से मालिक बनने के लिए 30 लाख सालाना पैकेज की नौकरी छोड़ घर आकर डेयरी खोला और आज 50 से अधिक गाय भैंस पालकर दो आउटलेट के मालिक बने हैं. और लगभग 30 से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.

जब आप रिस्क लेंगे तो आपको सफलता भी मिलेगी. दरअसल, यह कहानी पूर्णिया के एक ऐसे शख्स की है जिसने एमबीए किया फिर आईटी सेक्टर में जॉब की और फिर 30 लाख सालाना नौकरी पैकेज पर कई महीनों तक नौकरी की लेकिन वहां पर मन नहीं लगा तो वापस अपने घर पूर्णिया के कस्बा दोगछि आ गया फिर क्या घर आने के बाद डेरी फार्म खोल और दूध बेचने की शुरुआत की. हालांकि उन्होंने कहा दूध बेचते बेचते उन्हें मन में अचानक ख्याल आया कि दूध से ही कई अच्छे प्रोडक्ट बना सकते हैं. इसके बाद उन्होंने बहुत कम बचत होने का दिमाग में खुद का प्रोडक्ट लगाने का विचार किया और फिर हिंद डेरी नाम से पूर्णिया में अपनी फॉर्म खोली.

वहीं हिंद डेयरी में मिठाई के अलावे-अलग फास्ट फूड और स्नेक्स भी मिलता है. वहीं लोगों को खान के साथ कई चीजों की मजा एक साथ मिल जाता है. वहीं उन्होंने कहा कि वह अपने हिंद डेयरी ब्रांड में शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर काफी लोकप्रिय ब्रांड बन चुका है. पूर्णिया ही नहीं आसपास के जिले के लोग भी पूर्णिया में हिंदी डेयरी के प्रोडक्ट को खरीदते हैं और इस प्रोडक्ट को खाकर लोग स्वाद की खूब तारीफ करते हैं.

नौकरी छोड़ कर बेचा दूध, अब बना दिया बड़ा ब्रांड
पूर्णिया के हिंदी डेयरी के मालिक इंद्र चौरसिया कहते हैं कि उन्हें अभी भी कई समस्या का सामना कर मालिक बन पाए हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि कभी दिल्ली में 30 लाख सालाना पैकेज की नौकरी करते थे लेकिन मन में नौकर से मालिक बनने का ख्याल आया और 2013 में दिल्ली से नौकरी छोड़कर अपने गांव बिहार के पूर्णिया कस्बा आ गये. फिर यहां आकर उन्होंने गाय पालन शुरू किया और धीरे-धीरे दूध को लोकल स्तर पर बेचना शुरू किया फिर दूध उत्पादक समिति को दूध देने का काम किया.इसी दौरान उन्हें दूध से अलग-अलग प्रोडक्ट बनाकर बेचने का ख्याल आया और अलग अलग प्रोडक्ट बनाने की शुरुआत की.

30 से अधिक लोगों को दे रहे रोजगार
उन्होंने कहा कि उनका नौकर से मालिक बनने का सफर उसका काफी अच्छा रहा और अब तक का अनुभव काफी अच्छा है और आगे अच्छा रहेगा. वह कहते हैं कि उनका सपना लोगों को रोजगार देने का सपना था जो अब धीरे-धीरे पूरा हो रहा है फिलहाल अभी वह 30 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं. और आने वाले समय में और भी कई लोगों को रोजगार देने की चाहत में है. वहीं उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि जो युवा नौकर के बाजार मलिक बनना चाहते हैं वह खुद रिस्क ले निश्चित तौर पर आपको सफलता मिलेगी भले देर ही सही मिलेगा जरूर.

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