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अमेरिका, कतर और मिस्र ने इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की मध्यस्थता की जो काफी हद तक सफल होता हुआ है दिख रहा है. इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रवक्ता ने बताया कि गाजा संघर्ष विराम वार्ता के अगले चरण के लिए उनके देश का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को कतर पहुंच गया.
इजराइल की सेना हमास के साथ हुए सीज फायर समझौते के तहत इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्रॉसिंग प्वाइंट से हट गई है. इससे पहले जानकारी आई थी कि इजरायली सेना ने रविवार को गाजा के नेटजारिम कॉरिडोर से पीछे हटना शुरू कर दिया है. एक इजरायली सुरक्षा सूत्र ने पुष्टि की कि सेना वहां से अपनी स्थिति छोड़ रही है.
‘चर्चा में शामिल होगा गाजा का प्रशासन’
पिछले हफ्ते नेतन्याहू की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के बाद इस हफ्ते सीजफायर के अगले चरण पर इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी ग्रुप हमास के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता शुरू होने वाली है. हालांकि, नेतन्याहू के ऑफिस के एक सूत्र ने कहा कि इस वक्त इजरायली प्रतिनिधिमंडल केवल तकनीकी मुद्दों पर चर्चा करेगा, न कि बड़े मुद्दों पर, जिन पर चर्चा होनी है. जिनमें युद्धोत्तर गाजा का प्रशासन भी शामिल है.
वहीं, पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आश्चर्यजनक रूप से यह आह्वान किया कि फिलिस्तीनियों को गाजा से विस्थापित कर दिया जाए तथा इस क्षेत्र को अमेरिका के स्वामित्व में ले लिया जाए जो इसका पुनर्निर्माण करेगा. लेकिन बाद में अमेरिकी अधिकारियों ने ट्रंप की कुछ टिप्पणियों को वापस लेते हुए कहा कि फिलिस्तीनी लोग गाजा में वापस लौट सकते हैं, बशर्ते कि वहां से अप्रयुक्त गोला-बारूद हटा दिया जाए और उसका पुनर्निर्माण किया जाए.
इजरायल के अधिकारियों ने ट्रंप के इस फैसले का स्वागत किया था. नेतन्याहू के कार्यालय के सूत्र ने बताया कि नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट मंगलवार को ट्रंप के प्रस्ताव के साथ-साथ सीज फायर के दूसरे चरण पर चर्चा करने वाली थी.
घर लौटने लगे गाजा के लोग
इजरायल ने गाजा शहर के दक्षिण में लगभग 4 मील लंबे (6 किमी) गलियारे पर कब्जा कर लिया था जो इजरायली सीमा से भूमध्य सागर तक फैला हुआ है. इस गलियारे ने गाजा के उत्तरी हिस्से को दक्षिण से काट दिया था, जिसमें इसका सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र भी शामिल है. हाल के सप्ताहों में हजारों फिलिस्तीनी इस गलियारे से होकर दक्षिणी गाजा से उत्तर में अपने घरों को लौट रहे हैं, जहां उन्होंने युद्ध से बचने के लिए शरण ली थी. इजरायल के विनाशकारी अभियान के बाद उत्तरी गाजा का अधिकांश हिस्सा बंजर जमीन बन गया है. अपने घरों को नष्ट होते देख, कुछ गाजा के लोग दक्षिण की ओर वापस चले गए हैं, जबकि अन्य ने उन जगहों पर तंबू लगा लिए हैं, जहां कभी उनके घर हुआ करते थे.
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर का पहला चरण 19 जनवरी को शुरू हुआ था जो छह हफ्ते तक चलेगा और इसमें हमास द्वारा 33 इजरायली बंधकों को रिहाई किया और इसके बदले में इजरायल ने अपनी जेलों से लगभग 2,000 फिलिस्तीनी बंदियों और कैदियों को रिहा करेगा.
‘वह नर्क से बच गए’
शनिवार को रिहा किए गए तीन बंधकों की तस्वीर ने इजरायली लोगों को झकझोर कर रख दिया, क्योंकि तस्वीरों में वह काफी कमजोर दिख रहे थे. यूली बेन अमी ने कहा,’कल हमें अपने पिता वापस मिल गए. उनका वजन तो बहुत कम हो गया, लेकिन उनका हौसला नहीं टूटा. वे नर्क से बच गए.’
इजरायल ने अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद हमास को खत्म करने की कसम खाई थी. इजरायली आंकड़ों के अनुसार हमास के हमले में 1,200 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे और 251 को बंधक बना लिया गया था.
वहीं, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायल के जवाबी हमले में 48,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं. गाजा के चिकित्सकों ने बताया कि रविवार को खान यूनिस के निकट और गाजा शहर में दो अलग-अलग घटनाओं में इजरायली गोलीबारी में एक बुजुर्ग महिला सहित चार फिलिस्तीनी मारे गए. इजरायली सेना ने कहा कि सैनिकों ने कई संदिग्धों पर चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाई थीं.
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