बेहद कमाल है सतना का रैंचो, 25000 रूपए में बना दी सुपर बाइक, 15 रु. में 70 KM का सफर!

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satna news: 16 वर्षीय अंकित निषाद की यह कहानी दिखाती है कि सच्ची लगन और रचनात्मकता से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है. उनकी मोटर बाइक न केवल आर्थिक रूप से किफायती है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है. अंकित का सपना…और पढ़ें

शिवांक द्विवेदी , सतना :मध्य प्रदेश के सतना जिले के घूरडांग गांव के 16 वर्षीय अंकित निषाद ने अपने नवाचार से सबको चौंका दिया है. उन्होंने महज 25,000 रुपये की लागत से एक मोटर बाइक का निर्माण किया है, जो 15 रुपये में 70 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. दसवीं के छात्र अंकित ने यह मोटर बाइक महज 4-5 दिनों में बनाई. उनकी इस उपलब्धि ने न केवल गांव बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है.

बचपन से इलेक्ट्रिक गैजेट्स में रुचि
अंकित ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उन्हें बचपन से ही इलेक्ट्रिक गैजेट्स में दिलचस्पी रही है. अपने पिता के साथ इलेक्ट्रीशियन का काम करते हुए उन्हें इस मोटर बाइक को बनाने की प्रेरणा मिली. उन्होंने साइकिल, बैटरी, और अन्य इलेक्ट्रिक पार्ट्स का इस्तेमाल करके इस मोटर बाइक को तैयार किया. यह बाइक कम खर्च में लंबा सफर तय कर सकती है, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल और किफायती विकल्प बन गई है.

शैक्षिक बाधाओं के बावजूद सफलता
किसान परिवार से आने वाले अंकित के लिए यह सफर आसान नहीं था. उनके नवाचार के कारण उनकी पढ़ाई पर असर पड़ा, और दसवीं कक्षा में एक बार उन्हें बैक लग चुकी है. हालांकि, अंकित ने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई प्राइवेट माध्यम से जारी रखी. वह अपनी पुरानी सरकारी स्कूल के क्लासरूम में बैठकर अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने नवाचारों पर भी काम कर रहे हैं. उनकी इस लगन को जिला प्रशासन ने कई बार सराहा है.

पहले भी दिखा चुके हैं हुनर
अंकित इससे पहले भी अपने हुनर का प्रदर्शन कर चुके हैं. नौवीं कक्षा में उन्होंने एक साधारण साइकिल को मोटर साइकिल में बदलकर अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया था. अब उनका अगला लक्ष्य बिना पेट्रोल के चलने वाली कार बनाना है. हालांकि, इस परियोजना में उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अंकित का मानना है कि यदि उन्हें सही आर्थिक मदद मिले, तो वह इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा कर सकते हैं.

सतना का ‘रैंचो’
अंकित की कहानी राजकुमार हिरानी की फिल्म 3 इडियट्स के रणछोड़ दास छांचड़ की याद दिलाती है. उनका कहना है कि वे इस सोच पर चलते हैं: “सक्सेस के पीछे मत भागो, एक्सीलेंस का पीछा करो, सक्सेस झक मारकर तुम्हारे पीछे आएगी.” अपनी इस सोच के जरिए अंकित न केवल अपने भविष्य को बेहतर बना रहे हैं, बल्कि सतना जिले का नाम भी रोशन कर रहे हैं.

अंकित की चुनौतियां और मदद की आवश्यकता
अंकित ने बताया कि उनके इनोवेशन को पूरा करने के लिए उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है. बिना पेट्रोल की कार बनाने का उनका सपना पर्यावरण की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है. इस प्रोजेक्ट से न केवल उनका करियर बेहतर होगा, बल्कि यह देशभर में पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने में मदद करेगा.



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