Home Hindi Latest News भारत को पीछे छोड़कर हथियार खरीदने में अव्वल बना ये देश, जानें- टॉप 10 देशों की लिस्ट में कौन-कौन?

भारत को पीछे छोड़कर हथियार खरीदने में अव्वल बना ये देश, जानें- टॉप 10 देशों की लिस्ट में कौन-कौन?

भारत को पीछे छोड़कर हथियार खरीदने में अव्वल बना ये देश, जानें- टॉप 10 देशों की लिस्ट में कौन-कौन?

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रूस के खिलाफ यूक्रेन बीते तीन साल से जंग लड़ रहा है. ऐसे में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे यूक्रेन ने दुनिया में सबसे अधिक हथियारों की खरीदारी की है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.

सिप्री की यह रिपोर्ट 10 मार्च को जारी हुई है. 2020-2024 में यूक्रेन ने दुनिया में सबसे अधिक भारी हथियार खरीदे हैं. 2015-2019 की तुलना में रूस के हमले के बाद यूक्रेन ने हथियारों की खरीदारी के मामले में अपना आयात बेतहाशा बढ़ाया है. हथियारों के कुल वैश्विक निर्यात का लगभग 9 फीसदी यूक्रेन में होता है. 

SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारी हथियारों की खरीद में यूक्रेन ने भारत को भी पीछे छोड़ दिया है. साल 2015-2019 की तुलना में यूक्रेन ने हथियार खरीदने के मामले में 100 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि की है. SIPRI की रिपोर्ट से पता चलता है कि यूक्रेन ने हथियार खरीदने के मामले में यूक्रेन का प्रतिशत 8.8 रहा है, जबकि भारत का प्रतिशत 8.3 रहा है. हथियार खरीदने वाले पांच देशों में सबसे ऊपर यूक्रेन, भारत, कतर, सऊदी अरब और पाकिस्तान है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-2024 के दौरान यूक्रेन में अन्य यूरोपीय देशों से भी हथियारों का आयात 155 फीसदी बढ़ा है. रूस युद्ध की वजह से यूक्रेन में हथियारों का आयात बढ़ा है. बता दें कि दुनियाभर में हथियार खरीदने वाले देशों में 8.8 फीसदी के साथ यूक्रेन पहले स्थान पर है. इसके बाद भारत, कतर, सऊदी अरब, पाकिस्तान, जापान, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका और कुवैत हैं. 

हथियारों के उत्पादन में टॉप पर अमेरिका

इससे पहले पिछले साल स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने दुनिया की टॉप-100 हथियार उत्पादक कंपनियों (Arms Production Firms) को लेकर एक नई रिपोर्ट जारी की थी. आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक हथियार कंपनियों के रेवेन्यू में साल 2023 में सालाना आधार पर 4.2% का इजाफा हुआ और ये 632 अरब डॉलर तक बढ़ा. 

हथियारों के प्रोडक्शन के मामले में अमेरिका ने ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी स्थिति को बरकरार रखा हुआ और टॉप-100 में से यहां की 41 कंपनियों ने 317 अरब डॉलर का योगदान दिया है, जो हथियार कंपनियों के कुल वैश्विक रेवेन्यू का 50% के आसपास है. साल 2022 की तुलना में इसमें 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है.

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