यूक्रेन पर मंडरा रहा न्यूक्लियर अटैक का खतरा, जानिए क्या कहती है पुतिन की नई न्यूक्लियर डॉक्ट्रीन

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कुछ समय पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश के न्यूक्लियर नियम-कायदों में बदलाव किया था. ये बदलाव इसलिए था कि यूक्रेन और पश्चिमी देश उस पर हमला न करें. लेकिन यूक्रेन लगातार अमेरिकी और यूरोपीय देशों से मिले लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल रूस के खिलाफ कर रहा है. 

सबसे बड़ी दिक्कत उसे इसलिए हो सकती है क्योंकि यूक्रेनी खुफिया एजेंसी SBU ने रूसी जनरल इगोर किरिलोव को मार दिया है. अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी भी समय यूक्रेन पर परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं. क्योंकि पुतिन ने पहले ही कह दिया था कि अगर गैर-परमाणु देश किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग माना जाएगा. रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल का जवाब परमाणु हमले से मिलेगा. 

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पुतिन ने क्या बदला था अपने न्यूक्लियर डॉक्ट्रीन में… 

– रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि अगर कोई देश जिसके पास परमाणु शक्ति नहीं है, अगर वो किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से रूस पर हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग का ऐलान समझा जाएगा. 

– अगर रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल हुआ तो जवाब में परमाणु हमला भी किया जा सकता है. 

– अगर कोई देश रूस के खिलाफ ड्रोन हमला करता है, तो इसके जवाब न्यूक्लियर डेटरेंस के तौर पर भी किया जा सकता है. रूस की सेना इस तरह के हमले का करारा जवाब देगा. 

– अगर रूस की सीमा पार करके कोई हथियार हवा या अंतरिक्ष से आता है, तो इसे रूस के खिलाफ जंग माना जाएगा. रूस ऐसी स्थिति में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. 

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– रूस को ऐसा लगा कि उसके देश को और लोगों को खतरा है तो वह न्यूक्लियर मिसाइल और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी तैनात कर सकता है. ताकि दुश्मन के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. रूसी जनरल की हत्या इसी कैटेगरी में आता है. 

– अंतरिक्ष से हमले की स्थिति में रूस अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम को एक्टीवेट करेगा. साथ ही स्पेस में भी हमला किया जा सकता है. इस तरह के हमले में न्यूक्लियर डेटरेंस का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. 

रूस ने ऐसा क्यों किया? 

पुतिन को लगता है कि रूस के खिलाफ गैर-परमाणु संपन्न देश में अगर न्यूक्लियर पावर वाले देश हथियारों का इस्तेमाल करते हैं, तो यह रूस के खिलाफ मिलिट्री डेंजर है. ऐसे खतरों से बचने के लिए न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. रूस की न्यूक्लियर डेटरेंट फोर्स में जमीनी, समुद्री और हवाई सेना शामिल है.

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यानी दुश्मन पर रूस इन तीनों जगहों से हमला करेगा. रूस पूरा प्रयास कर रहा है कि किसी भी तरह की जंग और न हो. खासतौर से परमाणु युद्ध न हो. इसलिए रूस ने दुनियाभर को चेतावनी दी है कि अगर किसी ने रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल दागी तो रूस इसके खिलाफ न्यूक्लियर हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है. 



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